हास्य रस की परिभाषा :-

           जब किसी व्यक्ति की वेशभूषा, आकार, बनावट इत्यादि को देखकर हंसी छूट जाए उसे हास्य रस कहते हैं।

उदाहरण :-

(1)   हँसि- हँसि भाजै देखि दूलह दिगंबर को,
           पाहुनो जो आवै हिमाचल के उछाह में।
(2)   शीश पर गंगा हँसे,लट में भुजंगा हँसे।
        हासि ही कै दंगा भयो, नंगा के विवाह में।।